24-Sep-2020 12:00 AM
4085
समाचार पत्रों, टीवी चैनलों के माध्यम से लगातार यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि रेलवे एयरपोर्ट, पेट्रोलियम कंपनी एवं भारत की अन्य नवरत्न कंपनियां, बैंकों को निजी कंपनियों को बेचा जा रहा है. इससे अनुसूचित जाति-जनजाति अन्य पिछड़ा वर्गों में असंतोष है. निजीकरण का यह कदम देश को गर्त में ले जाएगा. निजीकरण से आम गरीबों का जीना दूभर हो जाएगा. रेलवे के किराए आसमान छू लेंगे. पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत आसमान पहुंचेगी. निजी ठेकेदार कंपनियां आम आदमी का शोषण करेंगे और देश की आर्थिक बागडोर निजी हाथों में चली जाएगी. निजीकरण का यह कदम देश को बेचने के समान है. माननीय प्रधानमंत्री जी रेलवे पेट्रोलियम कंपनी बैंक एयरपोर्ट का निजीकरण ना किया जाए, इसमें जनता की गाढ़ी कमाई लगी होने से इसे बर्बाद होने से बचाया जावे. इसमें सीधा और सबसे ज्यादा नुकसान अनुसूचित जाति-जनजाति अन्य पिछड़ा वर्गों की नौकरी मैं तो होगा ही साथ-साथ उनके विकास की सबसे बड़ी बाधा होगी एवं अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग विकास से दूर रहेंगे. यदि निजीकरण से फायदा या लाभ होता तो देश की निजी स्वामित्ववाली 50% कंपनियां बंद नहीं होती. रेलवे, पेट्रोलियम कंपनी इतना पुराना संस्थान है जो लगातार शासन को मुनाफा दे रहे हैं. निजीकरण से देश और प्रदेश का कभी भी विकास नहीं हो सकता जबकि आप देश को विकसित बनाकर प्रथम पंक्ति में लाने के लिए कृतसंकल्पित हैं. अतः संघ का आपसे विनम्र अनुरोध है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अन्य पिछड़ा वर्गों एवं देश के लिए अहितकारी निजीकरण प्रस्ताव को तत्काल वापस लेकर किसी भी परिस्थिति में लागु ना किया जाए.